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2 द न क स मन क प एसस आईएएस क त र कॐ ઈ ॐ 25.02.2019 • 1. प रध म त र म द क व श ववक स ब ध क बढ

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दैनिक सामनिकी िपूीएससी आईएएस की तैिारी के लििे

25.02.2019

1. प्रधािमंत्री मोदी को वैश्ववक संबंधों को बढावा देिे हेतु लसिोि शांनत पुरस्कार से सम् मानित ककिा गिा है।

• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरााष्ट्रीय सहयोग में योगदान देने और वैश्ववक आर्थाक ववकास को बढावा देने हेतु वर्ा 2018 के शांतत पुरस्कार से सम् मातनत ककया गया है।

• प्रधानमंत्री ने नमामम गंगे कायाक्रम के मिए $

200,000 (1.42 करोड़) की पुरस्कार रामश समवपात की है, इस कायाक्रम के अंतगात गंगा में प्रदरू्ण को रोकन ेऔर नदी का कायाकल्प करने का प्रयास ककया जा रहा है।

संबंधधत जािकारी लसिोि शांनत पुरस्कार

• मसयोि शांतत पुरस्कार, मसयोि शांतत पुरस्कार फाउंडशेन द्वारा प्रायोश्जत है।

• मसयोि शांतत पुरस् कार की स् थापना दक्षिण कोररया की राजधानी मसयोि में आयोश्जत 24वें ओिंवपक खेिों की सफिता के उपिक्ष्य में वर्ा 1990 में की गई थी।

• मसयोि शांतत पुरस्कार कोररयाई िोगों की इच्छाओं को प्रकट करता है और पथृ्वी पर हमेशा शांतत बनाए रखने की उनकी इच्छा को रोशन करता है।

• मसयोि शांतत पुरस्कार उन व्यश्ततयों या संस्थानों को प्रदान ककया जाता है श्जन्होंने राष्ट्र,

जातत, धमा या ववचारधारा के तनरपेि दतुनया भर के प्रयास के प्रत्येक िेत्र में मानव जातत और वववव शांतत के सामंजस्य में महान योगदान ददया है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- द हहदं ू2. आर.बी.आई िे एि.बी.एफ.सी. को एक ही शे्रणी

में वगीकृत ककिा है।

• एन.बी.एफ.सी. को अर्धक पररचािन तन् यता प्रदान करन ेके मिए एन.बी.एफ.सी. की ववमभन्न शे्रणणयों के सामंजस्य को कुछ शे्रणणयों में शाममि करन ेहेतु ववतनयमन के बजाय गततववर्ध द्वारा मसद्धांतों के ववतनयमन के आधार पर आर.बी.आई. ने उनकी वतामान त्रत्रस्तरीय संरचना को एकीकृत करके उनके मिए एकि शे्रणी का गठन ककया है।

• संपवि फाइनेंस, ऋण और तनवेश कंपतनयों का एन.बी.एफ.सी.- तनवेश एवं ऋण कंपनी नामक एक नई शे्रणी में वविय कर ददया गया है।

संबंधधत जािकारी एि.बी.एफ.सी. के संदर्भ में जािकारी

• गैर-बैंककंग वविीय कंपनी (एन.बी.एफ.सी.) एक कंपनी है जो कंपनी अर्धतनयम, 1956 के अंतगात पंजीकृत है।

बैंकों और एि.बी.एफ.सी. के मध् ि अंतर:- • एन.बी.एफ.सी. ऋण प्रदान करत ेहैं और तनवेश

करत ेहैं और इसमिए उनकी गततववर्धयां बैंकों के समान हैं, हािााँकक नीच ेकुछ अंतर ददए गए हैं:

• एन.बी.एफ.सी., मांग जमा स्वीकार नहीं कर सकता है।

• एन.बी.एफ.सी., भुगतान और तनपटान प्रणािी का दहस्सा नहीं बनत ेहैं और स्वय ंद्वारा आहररत चके जारी नहीं कर सकत ेहैं।

• बैंको की श्स्थतत के ववपरीत जमा बीमा एवं ऋण गारंटी तनगम की जमा बीमा सुववधा एन.बी.एफ.सी. के जमाकतााओं के मिए उपिब्ध नहीं है।

• आर.बी.आई. द्वारा ववतनयममत बैंकों के ववपरीत एन.बी.एफ.सी. कई ववतनयामकों, बीमा कंपतनयााँ- इरडा, मचेंट बैंक- सेबी, सूक्ष्म ववि संस्थान- राज्य सरकार, आर.बी.आई. और नाबाडा द्वारा ववतनयममत ककए जात ेहैं।

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• सावाजतनक िेत्र ऋण के मानदंड एन.बी.एफ.सी. पर िागू नहीं होत ेहैं।

• नकद आरक्षित आववयकता भी एन.बी.एफ.सी. पर भी िाग ूनहीं होती है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 3 –अर्भशास् त्र स्रोत- इकोिॉलमक टाइम् स

3. सुरक्षित ब्राउश् ंग के लिए र्ारत के पास खुद का डी.एि.एस. है।

• सरकार शीघ्र ही देश में इंटरनेट उपयोगकतााओं को तजे़ और अर्धक सुरक्षित ब्राउश्ज़ंग अनुभव प्रदान करन ेके उद्देवय से एक सावाजतनक डोमेन नेम सवार अथवा डी.एन.एस. को शुरू करेगी, जब कक यह भी सुतनश्वचत करेगा कक नागररकों का डटेा स्थानीय रूप से संग्रहीत हो रहा है।

खुद का डी.एि.एस. रखिे का उद्देवि

• अपना स् वयं का सावाजतनक डी.एन.एस. िाने का मुख्य उद्देवय ववशेर्कर ववव वसनीय डी.एन.एस. न रखने वािे छोटे इंटरनेट सेवा प्रदाताओ ं(आई.एस.पी.) के मिए उपिब् धता को सुतनश्वचत करना है।

• बड़ े इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के पास स् वयं का डी.एन.एस. होता है।

संबंधधत जािकारी • डी.एन.एस., इंटरनेट के मिए एक तनदेमशका के

समान होता है। यह िोगो के मिए याद रखने में आसान डोमेन नामों को आई.पी. एड्रसे में पररवततात करने में मदद करता है, जो संवाद करन ेके मिए कंप् यूटर/ मशीनों द्वारा प्रयोग ककए जात ेहैं।

• यदद डी.एन.एस. धीमा है या काम नहीं कर रहा है तो उपयोगकताा वेब एड्रसे का पता नहीं िगा पाएंगे।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 3 –पवज्ञाि एवं तकिीकक

स्रोत- द हहदं ू4. फ्िाइंग बुिडॉग: पवव व की सबसे बडी मधुमक्खी • ववव व की सबसे बड़ी मधुमतखी- एक ववशाि

कीट जो िगभग एक मानव अंगूठे के आकार का है- इसे िगभग 40 वर्ों के बाद इंडोनेमशया के एक सुदरू िेत्रों में पुन: खोजा गया है।

मेगाधििेप्िूटो के संदर्भ में जािकारी: • मेगार्चिेप्िूटो को वैिेस की ववशािकाय

मधुमतखी के रूप में भी जाना जाता है, यह एक बहुत बड़ी इंडोनेमशयाई राि मधुमतखी है।

• यह सबस ेबड़ी ज्ञात जीववत मधमुतखी प्रजातत है। • आई.यू.सी.एन. की रेड मिस् ट में इसकी श्स्थतत

'िुप् तप्राय' है। • ऐसा माना जाता था कक वर्ा 1981 में कई

नमूनों की खोज होने तक इसे वविुप्त घोवर्त कर ददया गया था, 2018 में ई.बे. कंपनी द्वारा दो मधुमश्तखयों को एकत्र और बेंच े जाने के अततररत त इसके पुन: भववष्ट् य में देखें जाने की पुश्ष्ट्ट नहीं की गई है।

• उिरी मोिकुस के इंडोनेमशयाई द्वीप िते्र में रहने वािी मधुमतखी (मेगार्चिेप्िुटो) दीमक के टीिों में अपना घोंसिा बनाती है और अपने घर की दीमकों से रिा करन ेके मिए र्चपर्चपे राि को एकत्र करन ेके मिए अपने बड़ ेनुकीिे जबड़ ेका प्रयोग करती है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 3 –पिाभवरण एवं जैवपवपवधता स्रोत- द हहदं ू

5. ओिंपपकं का सपिा खतरे मे है क् िों कक दो पाककस् तािी निशािेबाजों का वीजा रद्द कर हदिा गिा है।

• अंतरााष्ट्रीय ओिंवपक सममतत (आई.ओ.सी.) के एक तनणाय के बाद खेिों से संबंर्धत कायाक्रमों के आयोजक के रूप में भारत का भववष्ट् य अतनश्वचत बना हुआ है।

मुद्दा क्िा है?

• यह मुद्दा तब शुरू हुआ है जब भारत ने ददल्िी में चि रहे आई.एस.एस.एफ. (अंतरााष्ट्रीय तनशानेबाजी खेि सघं (आई.एस.एस.एफ.) वववव कप 2019) में भाग िेने वािे दो पाककस्तानी तनशानेबाजों के वीजा अनुरोधों को अस्वीकार कर ददया है।

• आई.ओ.सी. के अनुसार भारत सरकार के अर्धकारी, दो एथिीटों और एक अर्धकारी के पाककस्तानी प्रतततनर्धमंडि को प्रवेश वीजा देने में ववफि रहे हैं, जो आई.एस.एस.एफ. वववव कप में भाग िेना चाहत ेथे।

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• यह ओिंवपक खेि टोतयो 2020 के मिए एक योग्यता प्रततयोर्गता है श्जसमें प्रत् यि कोटा संबंर्धत एन.ओ.सी. द्वारा अश्जात ककया जाता है।

आगे क्िा होगा?

• आई.ओ.सी. के कायाकारी बोडा ने भारत में भववष्ट् य में खेिों और ओिंवपकं संबंर्धत कायाक्रमों के आयोजन के मिए संभाववत आवेदनों के संदभा में भारतीय एन.ओ.सी. [राष्ट्रीय ओिंवपक सममतत] और सरकार के साथ सभी चचााओ ंको स्थर्गत करने का फैसिा मिया है।

• आई.ओ.सी. कायाकारी बोडा को ओिंवपक घोर्णापत्र के तनयमों के पणूा अनुपािन के अनुरूप इस प्रकार के आयोजनों में सभी प्रततभार्गयों के प्रवेश को सुतनश्वचत करने हेतु भारत सरकार से स्पष्ट्ट मिणखत गारंटी की आववयकता है।

• इसने आई.एस.एफ. [अंतरााष्ट्रीय खेि महासंघ] से मसफाररश की है कक भारत की ओर से गारंटी न ममिने तक भारत में खेि कायाक्रमों को न तो पुरस् कृत ककया जाए न ही आयोश्जत ककया जाए।

अंतराभष्ट्रीि ओिंपपक सलमनत के संदर्भ में जािकारी:- • अंतरााष्ट्रीय ओिंवपक सममतत, श्स्वट्जरिैंड के

िुआसने में श्स्थत एक गैर-सरकारी खेि संगठन है।

• यह आधुतनक ग्रीष्ट्मकािीन और शीतकािीन ओिंवपक खेिों के आयोजन हेतु उत् तरदायी प्रार्धकरण है।

• आई.ओ.सी., राष्ट्रीय ओिंवपक सममततयों (एन.ओ.सी.) का शासी तनकाय है, जो पूरे ववव व में होने वािी ओिंवपक गततववर्धयों का राष्ट्रीय घटक हैं।

• आई.ओ.सी. के वतामान अध्यि जमानी के थॉमस बाच हैं।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –अंतराभष्ट् रीि संस् र्ाि

स्रोत- पी.आई.बी. 6. जेटपवमाि पर िात्रा करिे के लिए पिाभप् त मात्रा

में खािा पकािे के तिे का प्रिोग ककिा गिा।

• देहरादनू आधाररत भारतीय पेरोमियम संस्थान ने उपयोग ककए जा चुके खाना पकाने के तिे को जैव-ववमानन टबााइन ईंधन (बायो-ए.टी.एफ.) में पररवततात करने के मिए ककए गए प्राथममक परीिण को सफितापूवाक पूरा कर मिया है, इसे पारंपररक ए.टी.एफ. के साथ ममिाया जा सकता है और ववमान ईंधन के रूप में इस्तमेाि ककया जा सकता है।

• संस्थान ने इस प्राथममक परीिण हेतु देहरादनू में कैटरसा और होटिों से प्रयोग ककए जा चुके खाना पकाने के तिे को एकत्र ककया है, श्जसने अब प्रौद्योर्गकी के व्यावसातयक उपयोग हेतु मंच तैयार ककया है।

• जैव-ए.टी.एफ. में पररवततात ककए जाने वािे अन् य संयंत्र आधाररत तिेों की तुिना में प्रयोग ककए जा चुके खाना बनाने के तेि का रासायतनक संघटन एकसमान है।

• प्राथममक परीिण से यह मसद्ध हुआ है कक यह जटरोफा तिे से प्राप्त बायो-ए.टी.एफ. के समान है।

संबंधधत जािकारी • यह परीिण महत्वपूणा है तयों कक भारतीय

खाद्य सुरिा एवं मानक प्रार्धकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) ने प्रयोग ककए जा चुके खाना पकाने के तिे को एकत्र करन ेऔर जैव-ईंधन में पररवततात करने हेतु रीपपाज कुककंग ऑयि (आर.यू.सी.ओ.) पहि शुरू की है।

• खाद्य सुरिा तनकाय का कहना है कक वर्ा 2020

तक जैव ईंधन में पररवततात करन ेहेतु िगभग 220 करोड़ िीटर प्रयोग ककए जा चुके खाना पकाने के तिे को पुन: प्राप्त करना संभव होना चादहए।

जैव ईंधि के संदर्भ में जािकारी:- • जैव ईंधन को ककसी भी ईंधन के रूप में

पररभावर्त ककया जा सकता है श्जसकी ऊजाा जैववक काबान तनधाारण की प्रकक्रया के माध्यम से प्राप्त की जाती है।

• यह उनके स्रोत बायोमास के आधार, उनकी ववशेर्ता हो सकत ेहैं।

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जैव ईंधि की पीढीिा ं• 1 जी. जैव ईंधि: • ये गेंहू और चीनी आदद जैसी खाद्य फसिों से

सीधे उत्पाददत होत ेहैं।

• 2 जी. जैव ईंधि: • ये खाद्य उत्पादन अथवा गैर-खाद्य फसिों के

मिए अनुपयुत त कृवर् भूमम से उत् पाददत होत ेहैं, जैसे-जटरोफा।

• यह पहिी पीढी के जैव ईंधन में भोजन बनाम ईंधन की बहस पर काब ूपात ेहैं।

• 3 जी. जैव ईंधि: • यह ववशेर् रूप से इंजीतनयरीकृत ऊजाा फसिों

का िाभ उठाकर बायोमास के उत्पादन में सुधार पर आधाररत है, जैसे शैवाि त योंकक यह ऊजाा का स्रोत है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 3 –पवज्ञाि एवं तकिीकक

स्रोत- इंडडिि एक् सपे्रस

7. श्रम ब्िूरो िे मुद्रा जॉब ररपोटभ पेश की है। • श्रम ब्यूरो ने मुद्रा ऋण योजना द्वारा उत्पन्न

रोजगार पर अपना सवेिण पूरा कर मिया है, नौकररयों पर तनराशाजनक पररदृव य दशााने वािी अन् य ररपोटों से मुकाबिा करने हेतु श्रम ब् यूरो ने कें द्र को संभाववत डाटा प्रदान ककया है।

ररपोटभ की मुख्ि पवशेषताएं • ररपोटों के अनुसार, एन.एस.एस.ओ. के तनष्ट्कर्ों

की एक िीक कॉपी से ज्ञात हुआ है कक वर्ा 2017-18 में बेरोजगारी ने 45 वर्ों की सबसे अर्धक 6.1% रही है।

• कें द्र सरकार के मंत्रत्रयों और अर्धकाररयों ने पहिे ही िीक हुई एन.एस.एस.ओ. नौकरी सवेिण ररपोटा के आधार पर आिोचना से तनपटने के मिए मुद्रा योजना के प्रदशान का उपयोग करन ेका प्रयास ककया है।

संबंधधत जािकारी • सूक्ष्म और िघु उद्यमों को सस्ता ऋण देने के

प्रयास के रूप में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत अप्रैि, 2015 में की गई थी।

• अंततम ववत् तीय संस् थानों के माध् यम से सूक्ष्म इकाई ववकास और पुनववाि ससं् था (मुद्रा) द्वारा इन गैर-कॉपोरेट, गैर-कृवर् उद्यमों को 10 िाख तक का ऋण बढा ददया गया है।

मुद्रा के संदर्भ में जािकारी:- • मुद्रा का पूरा नाम सूक्ष् म इकाई ववकास एव ं

पुनववात् त संस् था है। उद्देवि:

• बैंक का मुख्य उद्देवय अतनर्धक को तनर्ध प्रदान करना है। यह छोटे/ सूक्ष्म व्यवसायों के "अंततम मीि फाइनेंसरों" को ववि प्रदान करेगा। ऋण प्राथममकता एस.सी./ एस.टी. उद्यमों को दी जाएगी।

मुद्रा बैंक

• मुद्रा बैंक, एक संवैधातनक तनकाय के रूप में स्थावपत ककया जाएगा।

• यह छोटे ववतनमााण, व् यापार अथवा सेवा में िगे हुए एम.एस.एम.ई को ऋण प्रदान करन े वािे सभी एम.एफ.आई को ववतनयममत और पुनववात् त करेगा।

• यह सुदरू तनवेशकों को भी आसान ववत् त प्रदान करन ेहेतु सभी राज्य/ िेत्रीय स्तर के समन्वयकों के साथ भागीदारी करेगा।

• तीन खंडों को संबोर्धत करने हेतु मुद्रा बैंक ने तीन ऋण उपकरण िॉन्च ककए हैं:

• लशशु: 50,000 / - रुपये तक के ऋण शाममि हैं।

• ककशोर: 50,000 / - रुपये से अर्धक और 5

िाख रूपए तक के ऋण शाममि हैं। • तरुण: 5 िाख रुपये से अर्धक और 10 िाख

रूपए तक के ऋण शाममि हैं। • यह छोटे उद्यममयों को कम दरों पर ऋण प्रदान

करता है। • बैंक को प्राथममक िेत्र ऋण प्रदाता के घाटे से

20,000 करोड़ रूपए की पुनववाि तनर्ध आवंदटत की गई है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- पी.आई.बी.

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8. गंगा तटीि राज्ि वषभ 2040 तक फसि पवफिताओं में तीि गुिा वदृ्धध को दशाभत ेहैं।

• कें द्रीय जि आयोग को ववव व बैंक द्वारा प्रस्तुत ककए गए एक आकिन के अनुसार, गंगा नदी के तटों पर फसि की ववफिता तीन गुना बढ सकती है और वतामान और वर्ा 2040 के मध् य कुछ राज्यों में पेयजि की कमी 39% तक बढ सकती है।

ररपोटभ की मुख्ि पवशेषताएं • ररपोटा में कहा गया है कक यदद उर्चत कदम न

उठाए गए तो उिराखंड, दहमाचि प्रदेश, उिर प्रदेश और त्रबहार में वतामान स्तर की तुिना में वर्ा 2040 में मसचंाई के पानी में क्रमशः 28%,

10%, 10% और 15% की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

• इसी अवर्ध के दौरान मध्य प्रदेश, ददल्िी और उिर प्रदेश में पेयजि की क्रमश: 39 प्रततशत,

22 प्रततशत और 25% की कमी होगी। संबंधधत जािकारी

• गंगा घाटी, जिग्रहण िेत्र के मामिे में भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी है, जो देश के 26%

भूभाग से ममिकर बनी है और इसकी 43%

आबादी का समथान करती है। • इस घाटी में 11 राज् य: उिराखंड, उत् तर प्रदेश,

मध् य प्रदेश, राजस्थान, हररयाणा, दहमाचि प्रदेश, छिीसगढ, झारखंड, त्रबहार, पश्वचम बंगाि और ददल्िी शाममि हैं।

• एन.एम.सी.जी. की वववव बैंक द्वारा ववि पोवर्त राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी पररयोजनाएं (एन.जी.आर.बी.पी.) का वतामान में संपूणा ध् यान गंगा नदी के मुख् य भागों के पांच राज् यों- उिराखंड, उिर प्रदेश, झारखंड, त्रबहार और पश्वचम बंगाि पर कें दद्रत है।

िोट: भारत का उपिब्ध सतही जि के एक ततहाई से अर्धक भाग गंगा घाटी द्वारा पानी उपिब्ध कराया जाता है, जो राष्ट्रीय जि प्रयोग के आधे से अर्धक का योगदान देता है, श्जसमें से 90% पानी मसचंाई के मिए है। टॉपपक- जी.एस. पेपर 3 –महत् वूपणभ ररपोटभ स्रोत- द हहदं ू

9. व् िाख् िा कीश्जए: पी.आर.सी. पर अरुणािि प्रदेश में पवरोध प्रदशभि क्िों हो रहे हैं?

• अरुणाचि प्रदेश की राजधानी ईटानगर में छह समुदायों- आददवासी, देओरी, गोरखा, मममशगं,

मोरन और सोनोवािकाचारी के सदस्यों को स्थायी तनवास प्रमाणपत्र (पी.आर.सी.) देने की संभावना के णखिाफ दहसंक ववरोध प्रदशान हो रहे हैं। इन समुदायों के िोग मुख्य रूप से राज्य के नामसाई और चांगिांग श्जिों के तनवासी हैं।

संबंधधत जािकारी स्र्ािी निवासी प्रमाणपत्र क्िा है?

• स्थायी तनवासी प्रमाण पत्र, भारतीय नागररकों को जारी ककया जाने वािा एक कानूनी दस्तावेज है जो तनवास के साक्ष्य के रूप में काया करता है और आर्धकाररक उद्देवय के मिए आवासीय प्रमाण के रूप में प्रस्तुत ककया जाना आववयक है।

राज्ि सरकार िे क्िा प्रस्ताव हदिा है?

• राज् य सरकार, नामसाई और चांगिांग श्जिों में रहने वािे छह गैर-ए.पी.एस.टी. समुदायों और ववजयनगर में रहने वािे गोरखाओं को प्रमाण पत्र जारी करन ेपर ववचार कर रही है।

• इन समुदायों में ददयोररस, सोनोवािकाचारी, मोरान, आददवासी और मममशगं शाममि हैं।

• इनमें स े अर्धकांश समुदायों को पड़ोसी असम में अनुसूर्चत जनजातत के रूप में मान्यता प्राप्त है।

• एक संयुतत उच्च शश्तत सममतत (जे.एच.पी.सी.) ने दहतधारकों के साथ चचाा करन ेके बाद छह समुदायों को पी.आर.सी. देने की मसफाररश की है, जो अरुणाचि प्रदेश के मिू तनवासी नहीं हैं िेककन दशकों से नामसाई और चांगिांग श्जिों में रह रहे हैं।

अरुणािि में िोग पी.आर.सी. के खखिाफ पवरोध क् िों कर रहे हैं?

• अरुणाचि प्रदेश में कई समुदाय-आधाररत समूहों और संगठनों में नाराजगी है, जो ऐसा महसूस कर रहे हैं कक प्रस्ताव िागू होने पर स्वदेशी िोगों के अर्धकारों और दहतों के साथ समझौता करना पड़गेा।

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टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- इंडडिि एक् सपे्रस

10. संिुक्त राष्ट्र िे महहिा आरिण पर उडीसा का अलर्वादि ककिा है।

• सयुंत त राष्ट् र िैंर्गक समानता एवं मदहिा सशत तीकरण संस् था (यू.एन. वूमेन) ने संसद और राज्य ववधानसभाओं में मदहिाओं के मिए 33% आरिण के प्रस्ताव को पाररत करन ेहेतु उड़ीसा सरकार की सराहना की है।

संबंधधत जािकारी िू.एि. वूमेि के संदर्भ में जािकारी:-

• संयुत त राष्ट् र िैंर्गक समानता एवं मदहिा सशत तीकरण संस् था को यू.एन. वूमेन के नाम से भी जाना जाता है, यह मदहिाओं के सशत तीकरण हेतु काम करने वािी संयुतत राष्ट्र की एक संस्था है।

• जनवरी, 2011 में इसका संचािन शुरू ककया गया था।

• ये संयुतत राष्ट्र ववकास समूह के सदस्य हैं। • इसका मुख्यािय न्यूयॉका , संयुतत राज्य

अमेररका में श्स्थत है। • नई ददल्िी श्स्थत यू.एन. वूमेन के कायाािय में

चार देश: भारत, भूटान, मािदीव और श्रीिंका शाममि हैं।

• इन देशों में संगठन मदहिाओं, पुरुर्ों, नारीवाददयों, मदहिाओं के नेटवका , सरकारों, स्थानीय अर्धकाररयों और नागररक समाज के साथ काम करके मदहिाओं के अर्धकारों को मजबूती प्रदान करता है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –महहिा सशक् तीकरण

स्रोत- पी.आई.बी. 11. इस्िालमक सहिोग संगठि (ओ.आई.सी.)

• भारत के ववदेश मंत्री को पहिी बार इस्िाममक सहयोग संगठन (ओ.आई.सी.) के ववदेश मंत्रत्रयों की बैठक को संबोर्धत करने के मिए आमंत्रत्रत ककया गया है।

इस्िालमक सहिोग संगठि (ओ.आई.सी.) के संदर्भ में जािकारी:

• चार महाद्वीपों में 57 देशों की सदस्यता के साथ संयुतत राष्ट्र के बाद इस्िाममक सहयोग संगठन (ओ.आई.सी.) दसूरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है।

• संगठन का दावा है कक वे मुश्स्िम दतुनया की सामूदहक आवाज हैं।

• यह ववव व के ववमभन्न िोगों के मध् य अंतरााष्ट्रीय शांतत और सद्भाव को बढावा देने की भावना के साथ मुश्स्िमों के दहतों की रिा और संरिण करन ेका प्रयास करता है।

• इस संगठन की स्थापना 25 मसतंबर, 1969 को मोरतको के राबत में हुए ऐततहामसक मशखर सम्मेिन के एक तनणाय के आधार पर की गई थी।

• पहिा ओ.आई.सी. घोर्णापत्र वर्ा 1972 में आयोश्जत तीसरे आई.सी.एफ.एम. सत्र द्वारा अपनाया गया था।

• इस घोर्णापत्र ने संगठन के उद्देवयों और मसद्धांतों को स् थावपत ककया और इसका मूिभूत उद्देवय सदस्य राज्यों के मध् य एकजुटता और सहयोग को मजबूत करना है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –अंतराभष्ट् रीि संगठि

स्रोत- टी.ओ.आई. 12. बांदीपुर, वाििाड के जंगिों में र्िंकर आग िगी

र्ी। • हाि ही में बांदीपुर के जंगिों भयंकर आग िगी

थी। • संसाधन प्रबंधन प्रणािी हेतु नासा की अश्ग्न

सचूना (नासा-एफ.आई.आर.एम.एस.) से प्राप् त एक चतेावनी के अनुसार, उपग्रह के ऊपर से गुजरने के दौरान 21 आग अथवा हॉटस्पॉटों का पता चिा था।

संबंधधत जािकारी जंगि की आग के संदर्भ में जािकारी:

• जंगि की आग, जंगिों में होने वािी एक सामान् य हातन है। ये वन संपदा और वनस्पततयों एवं जीवों के मिए भी खतरा पैदा करती हैं, इस प्रकार जैव ववववधता और िेत्र की पाररश्स्थततकी एवं पयाावरण को भी असंतुमित करती है।

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जंगि की आग के क्िा कारण हैं?

• तापमान, ममट्टी में नमी का स्तर और वातावरण और शुष्ट्क अवर्ध जैसी जिवायु पररश्स्थततयां प्राकृततक रूप से आग का कारण बनती है।

• तजे़ हवा के वेग या पत्थरों के टकराने के कारण पेड़ की शाखाओं के घर्ाण से र्चगंारी उत् पन् न होती है और श्जससे पवियों के ढेर में आग िग जाती है।

• मानवजतनत गततववर्धयााँ- उिर पूवी िेत्रों और पूवी तटीय िते्रों में खेती को स्थानांतररत करने की पारंपररक प्रथा ने वन भूममयों को जिा ददया है। खुिी िौ, मसगरेट के कफल् टरों, त्रबजिी की र्चगंारी अथवा मनुष्ट्यों द्वारा ककसी भी प्रज्विन के कारण जंगिों में आग िगन ेको जंगि की आग कहत ेहैं।

काउंटर फािर के संदर्भ में जािकारी:- • काउंटर फायर एक ऐसी तकनीक है श्जसमें

जंगिी आग को जानबूझकर आग की िपटों के ववपरीत ददशा में पानी डािा जाता है।

• काउंटर फायर के अंदर की ओर बढने से सभी प्रकार की वनस् पततयां और जिने हेतु त्रबना ईंधन की पथृ् वी की नंगी परत और जंगिी आग प्राकृततक रूप से बुझ जाती है।

िोट: यह अनुमान िगाया गया है कक भारत में 90%

जंगि की आग मानव तनममात कारणों से िगती है, जब िोग मवेमशयों को चराने, ईंधन की िकड़ी, िकड़ी और अन्य मामूिी वन उपज इकट्ठा के मिए जंगिों में प्रवशे करत ेहैं। टॉपपक- जी.एस. पेपर 3 –पिाभवरण

स्रोत- द हहदं ू13. सवोच् ि न् िािािि के आदेश के बाद "पवरोध"

हेतु नििामधगरर का डोंगररिा कोंध

• हाि ही में सवोच् च न् यायािय के आदेश से संभाववत तनष्ट् कासन को िेकर वनवामसयों में दहशत पैदा हो गई है, उड़ीसा के तनयामर्गरर के डोंगररया कोंध जनजाततयों ने उन्हें बाहर तनकािने के ककसी भी प्रयास का ववरोध करन ेका संकल्प मिया है।

मुद्दा क्िा र्ा?

• जनजाततयों के संभाववत तनष्ट्कासन का मुद्दा है, वन अर्धकार अर्धतनयम (एफ.आर.ए.), 2006

के अंतगात तनयममततकरण हेतु श्जनके आवेदन खाररज कर ददए गए थे।

• डोंगररया कोंध वतामान में तनयार्गरर के सुरम्य पहाड़ी पर अपना वावर्ाक तनयम्रजा उत्सव आयोश्जत कर रहे हैं।

• पाररश्स्थततकी और खतनज से भरपूर तनयामर्गरर पवात श्रृंखिा में बॉतसाइट की खान के वेदांता समूह की योजना के णखिाफ उनके सफि प्रततरोध के कारण यह जनजातत सुणखायों में आई थी।

संबंधधत जािकारी डोंगररिा कोंध जिजानत के संदर्भ में जािकारी:

• डोंगररया कोंध के िोग उड़ीसा की तनयामर्गरी पहाड डयों में रहने वािी एक जनजातत हैं।

• वे वनवासी हैं और तनयामर्गरी जंगिों के संसाधनों से खुद को सतत बनाए रखत ेहैं, ये बागवानी का अभ्यास करत े हैं और खेती को स्थानांतररत करत ेहैं।

• डोंगररया में ववमशष्ट्ट आभूर्ण, टैटू और हेयर स्टाइि हैं। मदहिाएं अपने कानों में कई छल् िे पहनती हैं और अपनी नाक में तीन छल् िे पहनती हैं, जब कक िड़के नाक में दो छल् िे पहनत ेहैं।

• डोंगररया िड़ककयां अपने बािों में श्तिप और गिे में अंगूठी और मािा पहनती हैं।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 1 –किा एवं संस् कृनत

स्रोत- बबजिेस स् टैंडडभ

26.02.2019

1. प्रधािमंत्री ककसाि सम्माि निधध (पी.एम.-ककसाि)

• प्रधानमंत्री ने 24 राज्यों और कें द्र शामसत प्रदेशों के पात्र ककसानों के बैंक खातों में पहिी ककस्त को इिेतरॉतनक रूप से हस् तांतररत करन ेके मिए 24 फरवरी, 2019 को उत् तर प्रदेश (यू.पी.) के गोरखपुर में पी.एम.-ककसान योजना शुरू की है।

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• इस योजना के अंतगात, दो हेत टेयर तक संयुत त भूमम रखने वािे/ स् वाममत् व वािे पात्र छोटे और सीमांत ककसान पररवारों को प्रत्येक वर्ा 6,000 रुपये ददए जाएंगे।

• यह धनरामश दो हजार रुपये प्रत् येक की तीन ककव तों में प्रदान की जाएगी।

संबंधधत जािकारी • पी.एम.-ककसान योजना के अंतगात, सावाजतनक

ववत् त प्रबंधन प्रणािी के तंत्र के माध् यम से प्रत् यि िाभ हस् तांतरण (डी.बी.टी.) ककया जा रहा है।

• पी.एफ.एम.एस. एक वेब-आधाररत भुगतान है और भारत सरकार का एम.आई.एस. आई.टी. एप् िीकेशन है श्जसे भारत सरकार के ववत् त मंत्रािय के तनयंत्रक महािेखा अधीिक (सी.जी.ए.) द्वारा प्रशामसत ककया जाता है।

• भारत सरकार की योजनाओं के मिए सभी डी.बी.टी. भुगतान, पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से ककए जा रहे हैं।

पवषि- जी.एस. पेपर 2-गविैंस

स्रोत-पी.आई.बी. 2. अफगानिस्ताि िे ईराि से होत े हुए र्ारत के

लिए एक ििा नििाभत मागभ शुरू ककिा है। • अफगातनस्तान ने ईरान के चाबहार बंदरगाह से

होत ेहुए भारत के मिए एक नया तनयाात मागा शुरू ककया है।

• ईरान का चाबहार बंदरगाह, अफगातनस्तान के मिए समुद्र तक आसान पहुाँच प्रदान करता है।

• यह मागा भारत और अफगातनस्तान दोनों को पाककस्तान से गुजरे त्रबना व्यापार करन े की अनुमतत प्रदान करता है।

• यह नया मागा, भारत और अफगातनस्तान की सरकारों द्वारा व्यापार संबंधों को बढाने के मिए की गई कई पहिों में से एक है।

संबंधधत जािकारी • भारत-अफगातनस्तान व्यापार में अफगान का

भारत को वर्ा 2018 में ककया गया तनयाात $

740 मममियन था और भारत, अफगातनस्तान के मिए सबसे बड़ा तनयाात गंतव्य है।

• व्यापार संबंधों को बढावा देने के मिए भारत और अफगातनस्तान दोनों देशों ने वर्ा 2017 में एक हवाई गमियारा स्थावपत ककया था।

िोट: जे.सी.पी.ओ.ए. से हटने और ईरान पर प्रततबंधों को कफर से िाग ूकरन े के बाद, अमेररका ने कुछ ऐसे अमेररकी प्रततबंधों को छूट प्रदान की थी, श्जन्होंने चाबहार बंदरगाह के ववकास को अफगातनस्तान की अथाव्यवस्था को बढावा देने और खाद्य एवं दवाओं जैसे गैर-प्रततबंर्धत उत् पादों की उनकी आवव यत ताओं को पूरा करने के मिए डडज़ाइन ककए गए नए पररवहन गमियारे के दहस्से के रूप में अनुमतत प्रदान की थी। टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 – अंतराभष्ट् रीि संबंध

स्रोत- इंडडिि एक्सपे्रस

3. "हॉटहाउस" की श्स्र्नतिां • शोधकतााओं ने चतेावनी दी कक यदद वायुमंडि

में काबान डाईऑत साइड की मात्रा तीन गुनी हो जाए तो समुद्री बादि जो अंतररि में वापस आने वािे सूया के प्रकाश को परावततात करके पौधा-घर पथृ् वी श्स्थततयों से हमारी रिा करत ेहैं, ये समाप् त हो सकत ेहैं और नष्ट् ट हो सकत ेहैं।

संबंधधत जािकारी • यदद वायुमंडि में काबान डाई ऑत साइड की मात्रा

में वदृ्र्ध हो जाए तो उपोष्ट्णकदटबंधीय महासागरों के िगभग 20% भाग को कवर करन ेवािे स्रेटोतयूम्यिस बादि जो अर्धकतर पश्वचमी समुद्र तटों जैसे कक कैमिफोतनाया, मैश्तसको और पेरू के तटों के पास पाए जात ेहैं, वे गायब हो सकत ेहैं।

प्रर्ाव • एक अध् ययन के अनुसार, "जब स्रेटोतयूम्यिस

बादि गायब हो जाएंगे तो केवि ववकमसत ग्रीनहाउस सांद्रता से आने वािी ग्िोबि वाममिंग के साथ ही पथृ्वी नाटकीय रूप से िगभग आठ डडग्री सेश्ल्सयस तक गमा हो जाएगी।"

• इतना अर्धक तापमान बढने से धु्रवीय बफा वपघि जाएगी और समुद्र का स्तर दस मीटर तक बढ जाएगा।

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• वपछिी बार कुछ 50 मममियन वर्ा पूवा इओसीन युग के दौरान जब वह ग्रह इतना गमा हुआ था तब मगरमच्छ आका दटक में घूमत ेथे।

• पेररस जिवायु संर्ध 2015 तापमान वदृ्र्ध को 2 डडग्री सेश्ल् सयस "से कम" रखने के मिए राष्ट् रों को संयुत त करती है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 3-पवज्ञाि

स्रोत- द हहदं ू4. डडिॉइट िे महहिाओं को सशक्त बिािे हेतु

र्ारत में वैश्ववक पहि की घोषणा की है। • डडिॉइट ने मदहिाओं के सशततीकरण हेतु भारत

में अपनी वैश्ववक पहि "वल्डातिास" शुरू करन ेकी घोर्णा की है।

• भारत में इस पहि का उद्देव य मशिा और कौशि ववकास के माध्यम से वर्ा 2030 तक 10 मममियन िड़ककयों और मदहिाओं का समथान करना है।

संबंधधत जािकारी • भारत में वल्डातिास कायाक्रम, ववद्यािय में

िड़ककयों की अवधारण दर में सुधार करन,े उच्च शैिणणक पररणामों और मदहिाओं को रोजगार प्राप्त करन ेहेतु कौशि ववकास पर ध्यान कें दद्रत करेगा।

• इस पहि का उद्देवय मदहिा मशिा को बढावा देना है त योंकक 15 से 18 वर्ा की िगभग 40 प्रततशत िड़ककयां बीच में स्कूि और कॉिेज छोड़ देती हैं और केवि 26 प्रततशत मदहिाएाँ ही कायारत हैं।

• वववव स्तर पर, वल्डातिास पहि वर्ा 2030 तक संयुत त राष्ट् र के सतत ववकास िक्ष् यों (एस.डी.जी.) की तजा पर भववष्ट् य के कामों के मिए बेहतर रूप से सुसश्ज्जत 50 मममियन िोगों को तैयार करना चाहती है।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 2- महहिा सशक्तीकरण

स्रोत- टी.ओ.आई. 5. वािु सेिा िे हवाई निगरािी शुरू कर दी है। • भारतीय वायु सेना (आई.ए.एफ.) ने अंतरााष्ट्रीय

सीमा पर और देश के भीतर कुछ दहस्सों में घने पणापाती िेत्रों के अंतगात संददग्ध गततववर्धयों

की तनगरानी करन ेहेतु हवाई तनगरानी प्रणािी के ववकास की शुरुआत की है।

• यह देश का पहिा कायाक्रम है जो संददग्ध गततववर्धयों का पता िगाने और पहचानने की कोमशश करता है और इसके अगिे दो वर्ों में चाि ूहो जाने की उम्मीद है।

संबंधधत जािकारी • यह हाइपरस्पेतरि काल् पतनक कायाक्रम है जो

ददन और रात दोनो में पेड़ों, घने पणापाती, झाडड़यों अथवा ककसी संरचना के भीतर मानव की उपश्स्थतत की पहचान करने में मदद करेगा।

• यह केवि हवा से मानवीय उपश्स्थतत का पता िगा सकता है, चाहे भिे ही उस िेत्र के बादि घने कोहरे या बफा से ढके हों।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 3 –रिा स्रोत- द हहदं ू

6. आर.टी.आई के अंतगभत ई.वी.एम. 'सूििा' है। • कें द्रीय सूचना आयोग ने फैसिा मिया है कक

सूचना का अर्धकार अर्धतनयम के अंतगात एक इिेतरॉतनक वोदटगं मशीन (ई.वी.एम.) "सूचना" है।

• आर.टी.आई. अर्धतनयम की धारा 2(एफ) के अंतगात सूचना की पररभार्ा के अनुसार, "ककसी भी रूप में कोई भी सामग्री शाममि है, श्जसमें इिेत रॉतनक रूप में ररकॉडा, दस्तावेज, मेमो, ई-मेि, राय, सिाह, पे्रस ववज्ञश्प्त, सकुा िर, आदेश,

िॉगबुक, अनुबंध, ररपोटा, कागजात, नमूने,

मॉडि, डटेा सामग्री शाममि हैं। संबंधधत जािकारी कें द्रीि सूििा आिोग

• इसकी स्थापना वर्ा 2005 में कें द्र सरकार द्वारा सूचना के अर्धकार (आर.टी.आई.) अर्धतनयम (2005) के प्रावधानों के अंतगात की गई थी।

• यह एक संवैधातनक तनकाय नहीं है िेककन इसमें अधा-न्यातयक शश्ततयााँ तनदहत हैं।

• आयोग में 1 मुख्य सूचना आयुतत (सी.आई.सी.) और 10 से अर्धक सूचना आयुतत (आई.सी.) शाममि हैं श्जन्हें भारत के राष्ट्रपतत द्वारा तनयुतत ककया जाता है।

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कािभ:- • आयोग के पास आर.टी.आई. अर्धतनयम, 2005

की धारा 18, 19, 20 और 25 में उश्ल्िणखत तनश्वचत शश्ततयााँ और काया हैं।

• ये व्यापक रूप से तनम् न से संबंर्धत हैं:- 1. जानकारी देने के मिए दसूरी अपीि में न् यातयक

तनणाय;

2. ररकॉडा रखने हेतु ददशातनदेश, आर.टी.आई. दाणखि करन ेमें असमथाता पर एक मशकायत प्राप्त करन ेऔर पूछताछ करन े हेतु स् व:पे्ररणा का प्रकटीकरण;

3. वावर्ाक ररपोटा तैयार करने सदहत दंड और तनगरानी और ररपोदटिंग का आरोपण

• आयोग के तनणाय अंततम और बाध्यकारी है। टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- द हहदं ू7. मुख् िमंत्री िुवा स्वालर्माि िोजिा • मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार की प्रमुख

योजना "मुख् यमंत्री युवा स् वामभमान योजना" की शुरूआत की है जो आर्थाक रूप से कमजोर वगों के शहरी युवाओं को प्रत् येक वर्ा 100 ददनों के रोजगार की गारंटी देती है।

संबंधधत जािकारी • इस योजना के अंतगात, युवाओं को 100 ददनों

की अवर्ध के दौरान प्रतत माह 4,000 रूपए ददए जाएंगे और उन्हें स्वतंत्र बनाने के क्रम में कौशि ववकास प्रमशिण भी प्रदान ककया जाएगा।

• केवि व ेयुवा, श्जनके पररवार की वावर्ाक आय 2 िाख रुपये स ेकम है और जो 21-30 वर्ा की आयु वगा के हैं, वे ही इस योजना के पात्र हैं।

टॉपपक- जी.एस. पेपर 2 –गविैंस

स्रोत- एि.डी.टी.वी. 8. िघु वि उत् पादि िोजिा हेतु एम.एस.पी. में िौ

उत् पादों को शालमि ककिा गिा है। • जनजातीय मामिों के मंत्रािय (एम.ओ.टी.ए.) ने

एम.एफ.पी. योजना के मिए अपने न्यूनतम समथान मूल्य (एम.एस.पी.) में नौ िघु वन उत् पादन (एम.एफ.पी.) उत् पादों को शाममि ककया है।

• नौ नए उत् पाद: बकुि (सूखी छाि), कुटज (सूखी छाि), नोनी/ आि (सूखे हुए प्याज़), सोनपाथा/ स्योनक की फिी, चनोथी के बीज, कमिहारी (सुखाए हुए कंद), मकोय (सूखे हुए फि), अपंग पौधा और सुगंध्ररन्त्री मूि/ कंद हैं।

• जनजातीय समुदाय एम.एफ.पी. पर तनभार हैं। व ेसकैड़ों वन उत्पाद एकत्र करत ेहैं और उन पर जीववत रहत ेहैं।

संबंधधत जािकारी न्िूितम समर्भि मूल्ि (एम.एस.पी.)

• यह भारत सरकार द्वारा कृवर् उत्पादकों को कृवर् उत् पादों की कीमतों में ककसी भी प्रकार की तीव्र र्गरावट से सुरिा को सुतनश्वचत करने के मिए बाजार हस्तिेप का एक रूप है।

• कृवर् िागत एवं मूल्य आयोग (सी.ए.सी.पी.) की मसफाररशों के आधार पर कुछ फसिों के बुवाई के मौसम की शुरुआत में भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समथान मूल्य की घोर्णा की जाती है।

• भारतीय खाद्य तनगम (एफ.सी.आई.), अनाज,

दिहन और ततिहन के मिए मूल्य समथान संचािन हेतु नाममत कें द्रीय नोडि संस् था है।

• भारतीय कपास तनगम (सी.सी.आई.), कपास के मिए मूल्य समथान काया करने हेतु कें द्रीय नोडि संस् था है।

िघु वि उत् पाद (एम.एफ.पी.) • एम.एफ.पी. संग्रहकतााओं को उर्चत और

पाररश्रममक मूल्य सुतनश्वचत करन े हेतु एम.एफ.पी. योजना के मिए एम.एस.पी. वर्ा 2013 में शुरू ककया गया था।

िोट: सामान् यत: वन उत्पादों को दो भागों में ववभाश्जत ककया जा सकता है अथाात ्

1. प्रमुख वन उत् पाद (पल्पवुड, चंदन, ईंधन, इमारती िकड़ी आदद)

2. िघु वन उत्पाद (इमिी, करी पिा, तेंदपूट्टा, मािूफि, गन् ना, साबुन, बांस आदद)

सरकार द्वारा ििाई जा रही एम.एस.पी. के समाि िोजिाएं

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बाजार हस्तिेप िोजिा • यह बाजार की कीमतों में र्गरावट की श्स्थतत में

खराब होने वािी और बागवानी वस्तुओं की खरीद के मिए राज्य सरकारों के अनुरोध पर िाग ूकी जाती है।

मूल्ि समर्भि िोजिा (पी.एस.एस.)

• कृवर् एवं सहकाररता ववभाग एन.ए.एफ.ई.डी. के माध् यम से तिे बीज, दािों आदद की खरीद के मिए पी.एस.एस. को िागू करता है, जो सरकार द्वारा घोवर्त न् यूनतम समथान मूल्य (एम.एस.पी.) पर एक कें द्रीय नोडि संस् था है।

मूल्ि न् िूिता खरीद िोजिा • यह योजना, ककसानों की फसिों को खरीदने के

बजाय एम.एस.पी. और ववक्रय मूल् य के अंतर को सीधे ककसानों को भुगतान करती है।

9. र्ारतीि वािु सिेा के 12 लमराज -2000 िडाकू पवमािों िे पाककस्तािी हवाई िेत्र में प्रवेश ककिा और 1,000 ककिोग्राम का िेजर-निदेलशत बम धगराए हैं।

• डसॉल्ट एववएशन द्वारा तनममात भारतीय वायु सेना के 12 ममराज -2000 िड़ाकू ववमानों ने पाककस् तानी वायु िेत्र में प्रवेश ककया और तनयंत्रण के उस पार जैश-ए-मोहम् मद के आतंकी िांच पैडों पर 100 कक.ग्रा. का िेजर तनदेमशत बम र्गराए हैं। डसॉल् ट, एक फ्ांसीसी कंपनी है, जो राफेि मीडडयम मल्टी-रोि िड़ाकू ववमानों का भी तनमााण करती है।

संबंधधत जािकारी आई.ए.एफ. लमराज 2000

• ममराज-2000, तन:संदेह ही भारतीय वायु सेना (आई.ए.एफ.) के सबसे बहुमुखी और घातक ववमानों में से एक है और इसे पहिी बार वर्ा 1985 में सार्धकार ककया गया था।

• ममराज को शाममि करन े के तुरंत बाद आई.ए.एफ. ने इसे वज्र नाम ददया, श्जसका संस् कृत में अथा वज्रपात होता है।

• इसे डसॉल्ट एववएशन द्वारा ववकमसत ककया गया था और वर्ा 1978 में इसने अपनी पहिी उड़ान भरी थी और वर्ा 1984 में इसे फ्ांसीसी वायु सेना में शाममि ककया गया था।

• भारत के अततररत त डसॉल्ट ने ममराज-2000 को 8 अन्य देशों को भी बेंचा है, श्जनमें फ्ांस, ममस्र,

यू.ए.ई., पेरू, ताइवान, पेरू, ग्रीस और ब्राजीि शाममि हैं।

• ममराज -2000 ने वर्ा 1999 के कारर्गि युद्ध में तनणाायक भूममका तनभाई थी और इस युद्ध के पररणाम को भारत के पि में कर ददया था।

• वर्ा 2011 में ववमानों के जीवन को बढाने हेतु मौजूदा ममराज 2000 को ममराज-2000-5

एम.के. के अपगे्रड करने के मिए एक अनुबंध पर हस्तािर ककए गए थे, ये ववमान अब वर्ा 2030 तक सेवा करन ेके मिए तैयार हैं।

पवशेषता • ममराज -2000 एकि शाफ्ट इंजन का उपयोग

करता है जो अन्य िड़ाकू ववमान इंजनों की तुिना में हल्का और साधारण है और इसे एस.एन.ई.सी.एम.ए. एम.53 कहा जाता है।

• इसकी िंबाई 14.36 मीटर और पंखों का दायरा 91.3 मीटर है।

• इस ववमान का वजन 7500 ककिोग्राम (खािी) है और इसका उड़ान भरने में सिम कुि वजन 17000 ककिोग्राम है।

• इसमें मच 2.2 (2336 ककमी प्रतत घंटे) की अर्धकतम गतत है और यह 1550 कक.मी. की यात्रा कर सकता है।

• भारत के अन्य िड़ाकू और अर्धक उन्नत िड़ाकू ववमानों की तुिना में रूस ने सुखोई एस.यू.30एम.के.आई. का तनमााण ककया है श्जसकी गतत 2120 कक.मी./घंटा (मच 2), जो ममराज -2000 की तुिना में धीमा है और अर्धक भारी भी है। यह ममराज-2000 को त्वररत संचािन में ववशेर्ता प्रदान करता है।

• आयुध के संदभा में ममराज-2000 िेजर-तनदेमशत बम, हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करन ेवािी ममसाइि िे जा सकता है और इसमें बोडा पर एक थॉमसन-सी.एस.एफ. आर.डी.वाई. (रडार डॉप्िर मल्टी-टारगेट) रडार िगा हुआ है।

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27.02.2019

1. परम्परागत औषधध रणिीनत 2014-2023

• वववव स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) ने ददसम्बर 2013 में परम्परागत और्र्ध रणनीतत 2014-2023 को िांच कर ददया है।

• यह स्वास्थ्य देखभाि िेत्र के नेताओं को एक समाधान तनकािने में मदद करेगा जो बेहतर स्वास्थ्य एवं रोगी स्वशासन की व्यापक िक्ष्य में योगदान देगा।

• रणनीतत के दो प्रमुख िक्ष्य हैं: (a) स्वास्थ्य, कल्याण और जन-कें दद्रत स्वास्थ्य देखभाि के मिए पारंपररक एव ंपूरक और्र्ध (टी. एंड सी.एम.) के संभाववत योगदान का दोहन करन े में सदस्य राज्यों का समथान करना। (b) उत्पादों, अभ्यास और र्चककत्सकों के ववतनयमन के माध्यम से टी.एंड सी.एम. के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग को बढावा देना।

• तीन रणनीततक उद्देवयों को िाग ू करके इन िक्ष्यों को प्राप्त ककया जाएगा (1) ज्ञान का आधार बनाना और देश की नीततयों को तैयार करना। (2) ववतनयमन के माध्यम से सुरिा, गुणविा और प्रभाववकता को मजबूत करना। (3) सावाभौममक स्वास्थ्य प्रणामियों को बढावा देना।

संबंधधत जािकारी • वववव स्वास्थ्य संगठन पारंपररक और्र्धर

रणनीतत 2014-2023 का ववकास एव ं इसकी शुरुआत पारंपररक र्चककत्सा (WHA13) पर वववव स्वास्थ्य सभा के प्रस्ताव के उिर हुई थी।

• वर्ा 2016 में डब्ल्यू.एच.ओ. और आयुर् मंत्रािय के बीच पररयोजना सहयोग समझौत े (पीसीए) पर हस्तािर ककए गए थे।

• यह डब्ल्यू.एच.ओ. और आयुर् मंत्रािय (2016-

2020) के बीच पारंपररक और पूरक और्र्ध में सेवा प्रावधान की गुणविा, सुरिा और प्रभावशीिता को बढावा देने पर सहयोग प्रदान करेगा।

पवषि–सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2 – स्वास््ि एवं सेवाएं स्त्रोत – पी.आई.बी.

2. सश्म्प्रती 2019: र्ारत और बांग्िादेश िे संिुक्त सैन्ि अभ्िास ककिा

• यह भारत और बांग्िादेश के बीच एक संयुतत सैन्य अभ्यास है श्जसे बांग्िादेश के तंगेि आयोश्जत ककया जाएगा।

• यह इस सैन्य अभ्यास का आठवां संस्करण होगा श्जसे दोनों देशों द्वारा एकांतर रूप से आयोश्जत ककया जाता है।

• इस अभ्यास का उद्देवय भारतीय और बांग्िादेश सेनाओं के बीच अंतरसामंजस्य और सहयोग के पहिुओं को मजबूत करना और व्यापक बनाना है।

• इस अभ्यास में संयुतत राष्ट्र के जनादेश के तहत एक काउंटर इंसरजेंसी और आतंकवाद के णखिाफ माहौि में सामररक स्तर के ऑपरेशन शाममि होंगे।

पवषि – सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 3 – रिा स्त्रोत – बब िेस स्टैण्डडभ

3. र्ारत िे सतह से हवा में मार करि े वािी लमसाइि का सफि परीिण ककिा: QRSAM

• भारत ने ओडडशा के तट पर परीिण रेंज से एक छोटी दरूी की श्तवक ररएतशन सरफेस-टू-एयर ममसाइि (QRSAM) का सफितापूवाक परीिण ककया।

• इसे रिा अनुसंधान और ववकास संगठन (DRDO) द्वारा ववकमसत ककया गया है।

लमसाइि की पवशेषताएं • इस ममसाइि की मारक िमता 25 कक.मी. से

30 कक.मी. है और यह कई िक्ष्यों को भेदने में सिम है।

• इसे रिा अनुसंधान और ववकास संगठन (DRDO) द्वारा ववकमसत ककया गया है।

• इसे भारतीय सेना के मिए ववकमसत ककया गया है।

• स्वदेश में ववकमसत QRSAM ‘आकाश’ ’ममसाइि रिा प्रणािी की जगह िेगा।

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• यह एक सभी मौसम, सभी स्थिाकृतत (ऑि-वेदर, ऑि-टेरेन) ममसाइि है श्जसमें एयरक्राफ्ट राडार द्वारा जाम ककए जाने से बचने के मिए इिेतरॉतनक काउंटरमेशसा हैं।

पवषि- जीएस पेपर 3-पवज्ञाि और प्रौद्िोधगकी सोसभ- इंडडिि एक्सपे्रस

4. वैश्ववक स्वास््ि िेताओं िे िौर्ी डडश्जटि स्वास््ि अंतर-सरकारी बैठक में 'हदल्िी घोषणा' को अपिािा

• डडश्जटि स्वास्थ्य पर वैश्ववक अंतर सरकारी बैठक को वववव स्वास्थ्य संगठन (WHO) और ग्िोबि डडश्जटि हेल्थ पाटानरमशप (GDHP) के सहयोग से स्वास्थ्य और पररवार कल्याण मंत्रािय द्वारा आयोश्जत ककया गया।

• डडश्जटि स्वास्थ्य पर वैश्ववक अंतर-सरकारी बैठक के अवसर पर, वैश्ववक स्वास्थ्य नेताओं ने ‘ददल्िी घोर्णा’ को अपनाया।

• डडश्जटि स्वास्थ्य पर आधाररत ‘ददल्िी घोर्णा’ हमारे प्रधानमंत्री की ‘डडश्जटि इंडडया’ पहि से मजबूती के साथ जुड़ी है।

• यह अपने सदस्य राज्यों को सहयोग करन ेके मिए डडश्जटि स्वास्थ्य को केन्द्रीय रूप से समन्वतयत करन े के मिए एक ववमशष्ट्ट तंत्र स्थावपत करन ेमें मदद करेगा।

पवषि- सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2-स्वास््ि और सेवाएँ स्रोत- पी.आई.बी.

5. जैवप्रौद्िोधगकी पवर्ाग की स्र्ापिा हदवस पर प्रमुख लमशि शुरु ककए गए

• ववज्ञान और प्रौद्योर्गकी मतं्रािय, भारत सरकार के अंतगात जैव प्रौद्योर्गकी ववभाग ने नई ददल्िी में अपना 33वां स्थापना ददवस मनाया।

• ववर्य "जैव प्रौद्योर्गकी जवन: एक अमभनव राष्ट्र के रूप में भारत का तनमााण" रहा है।

• मंत्री ने स्थापना ददवस समारोह में प्रमुख ममशनों की घोर्णा की: (A) अटि जय अनुसंधान बायोटेक ममशन - राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंर्गक प्रौद्योर्गकी नवाचार का उपक्रम (UNaTI) है, इससे अगिे 5 वर्ों के

दौरान स्वास्थ्य, कृवर् और ऊजाा िेत्रों को बदिने की उम्मीद है। (B) GARBH-ini- यह ममशन माता एव ंमशशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और समय पूवा जन्म की भववष्ट्यावाणी करन ेवािे उपकरणों का ववकास करन ेके मिए है। (C) IndCEPI- यह ममशन स्थानीय रोगों के मिए सस्ती टीके ववकमसत करने, पोर्ण अमभयान में योगदान देने के मिए बायोफोदटाफाइड और प्रोटीन समदृ्ध गेहंू का ववकास करन ेके मिए है। (D) सूक्ष्मजीवाणु प्रततरोधी ममशन- ककफायती नैदातनक एवं र्चककत्सीय ममशन। (E) स्वच्छ ऊजाा ममशन- यह ममशन स्वच्छ भारत के मिए नवीन प्रौद्योर्गकी हस्तिेप ववकमसत करन ेके मिए है।

पवषि- सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 3 - पवज्ञाि और प्रौद्िोधगकी स्रोत-PIB

6. आरबीआई शीघ्र सुधारात्मक कारभवाई ढांि ेसे 3

बैंकों को हटाता है शीघ्र सुधारात्मक कारभवाई (पीसीए)

• पी.सी.ए. एक फे्मवका है श्जसके तहत कमजोर वविीय िेखाजोखा वािे बैंकों पर भारतीय ररजवा बैंक तनगरानी करता है।

• इसे वर्ा 2002 में ररजवा बैंक द्वारा उन बैंकों के मिए एक संरर्चत प्रारंमभक हस्तिेप तंत्र के रूप में पेश ककया गया था, जो खराब पररसंपवि की गुणविा के कारण, अथवा िाभप्रदता में नुकसान के कारण कमजोर हो गए।

• इसका उद्देवय भारतीय बैंककंग िेत्र में गैर-तनष्ट्पाददत संपवियों (एन.पी.ए.) समस्या की जांच करना है।

• वर्ा 2017 में भारत में वविीय संस्थानों और वविीय िेत्र ववधायी सुधार आयोग के मिए संकल्प ववतनयमों पर वविीय श्स्थरता और ववकास पररर्द के काया समूह की मसफाररशों के आधार पर फे्मवका की समीिा की गई थी।

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• पी.सी.ए. का उद्देवय यदद बैंक परेशानी में है, तो तनयामक के साथ-साथ तनवेशकों और जमाकतााओं को सतका करने में मदद करना है।

• पी.सी.ए. फे्मवका बैंकों को जोणखम भरा मानकर चिता है, यदद वे कुछ महत्वपूणा त्रबदंओंु से कफसि जात ेहैं। ये महत्वपूणा त्रबदं ुहैं - कैवपटि टू ररस्क-वेटेड एसेट्स रेमशयो (CRAR), नेट एन.पी.ए., ररटना ऑन एसेट्स (RoA) और दटयर 1 िीवरेज अनुपात।

• ऐसे महत्वपूणा त्रबदंओंु से कफसिने वािे बैंकों के मिए कुछ संरर्चत और वववेकाधीन कारावाई शुरू की जाती है।

• पी.सी.ए. फे्मवका केवि वाणणश्ज्यक बैंकों और सहकारी बैंकों और गैर-बैंककंग वविीय कंपतनयों (एनबीएफसी) पर िाग ूहै।

पवषि- जीएस पेपर 3-अर्भशास्त्र सोसभ- द हहदं ू

7. अंगकोर में अिािक धगरावट िहीं आिी • एक अध्ययन के अनुसार, खमेर साम्राज्य की

प्राचीन राजधानी अंगकोर को एक भयावह पतन के बजाय एक क्रममक पतन का सामना करना पड़ा थे।

संबंधधत जािकारी अंगकोर

• अंगकोर खमेर साम्राज्य की राजधानी थी, श्जसे यशोधरापुरा के नाम से भी जाना जाता था।

• यह िगभग 9 वीं से 15 वीं शताब्दी तक फिी-फूिी थी।

• शहर में कंबोडडया के िोकवप्रय पयाटक आकर्ाणों में से एक शानदार अंगकोर वाट है।

• अंगकोर काि सन ्802 ईस्वी में शुरू हुआ, जब खमेर के दहदं ूसम्राट जयवमान द्ववतीय ने खुद को "सावाभौममक सम्राट" और "देवराज" घोवर्त ककया और यह 14वीं शताब्दी के अंत तक चिा।

• यह यूनेस्को के वववव धरोहर स्थि के रूप में संरक्षित है।

पवषि- सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 1- किा और संस्कृनत

स्त्रोत- द हहदं ू

8. अंतराभष्ट्रीि न्िािािि - बब्रटेि को मॉरीशस को िागोस द्वीप सौंप देिा िाहहए

• अंतरााष्ट्रीय न्यायािय ने कहा कक त्रब्रटेन का दातयत्व है कक वह चागोस द्वीपसमूह पर अपने प्रशासन को हटा िे।

• चागोस द्वीपसमूह की संप्रभुता त्रब्रटेन और मॉरीशस के बीच वववाददत है।

संबंधधत जािकारी पषृ्ट्ठर्ूलम

• चागोस द्वीप वर्ा 1960 के दशक से संयुतत गे्रट त्रब्रटेन के पट्टे पर डडएगो गामसाया के अमेररकी सैन्य अड्ड ेका केन्द्र है।

• वर्ा 1971 के बाद से, केवि डडएगो गामसाया की कोरि मभवियां, और केवि सनै्य और नागररक अनुबंर्धत कममायों द्वारा ही यहां रहा जा रहा है।

• यूनाइटेड ककंगडम ने मॉरीशस के वर्ा 1965 में स्वतंत्रता प्राप्त करने से तीन साि पहिे वर्ा 1965 में मॉरीशस िेत्र से द्वीपसमूह का अर्धग्रहण ककया था।

• 25 फरवरी 2019 को अंतरााष्ट्रीय न्यायािय (ICJ) ने फैसिा ककया कक यूनाइटेड ककंगडम को द्वीपसमूह को छोड़ देना चादहए। त्रब्रदटश सरकार ने इन मामिों पर ववचार करने के मिए अदाित के ककसी भी अर्धकार िेत्र को खाररज कर ददया।

िागोस द्वीपसमूह • यह सात करोि रीफ का एक समूह है श्जसमें

मािदीव द्वीपसमूह से िगभग 500 ककिोमीटर दक्षिण में दहदं महासागर में 60 से अर्धक अिग उष्ट्णकदटबंधीय द्वीप शाममि हैं।

• द्वीपों की यह श्रृंखिा दहदं महासागर में पनडुब्बी पवात श्रृंखिा के साथ, चागोस-िकाडडव ररज का सबसे दक्षिणी द्वीपसमूह है।

पवषि- सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2 – अंतराभष्ट्रीि संबंध

सोसभ- द हहदं ू9. रेि मंत्रािि िे ‘रेि दृश्ष्ट्ट डशैबोडभ’ की शुरुआत

की • रेि मंत्रािय द्वारा ‘रेि दृश्ष्ट्ट डशैबोडा ’ शुरू

ककया गया है।

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• डशैबोडा (cris.org.in) एक ही मंच पर ववमभन्न स्रोतों से जानकारी िाता है और देश के प्रत्येक नागररक को प्रमुख आाँकड़ों और मापदंडों तक पहुाँच प्रदान करता है।

• इसमें यात्री और माि गाडड़यों से संबंर्धत जानकारी और आई.आर.सी.टी.सी. रसोई के िाइव फीड के मिकं शाममि हैं।

• यह भारतीय रेिवे में सभी डडश्जटिीकरण प्रयासों को शाममि करता है और पारदमशाता और जवाबदेही को बढावा देता है।

• इसमें 6 सेवाएं शाममि हैं, जैसे, पी.एन.आर. पूछताछ, ओ.डी.सी. आवेदन पूछताछ, मशकायत पूछताछ, तनववदा पूछताछ, श्रममक पूछताछ और माि संबंधी पूछताछ आदद।

• SUGAM – एक फ्ाइट ऐप है जो डशैबोडा पर दी गई सेवाओं में से एक है।

• यह ग्राहकों को उनके माि पर नज़र रखने में मदद करता है।

पवषि- सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2- प्रशासि

स्त्रोत - इंडडिि एक्सपे्रस

28.02.2019

1. र्ारतीि वािुसेिा का िडाकू पवमाि धगरा, पाििट पाककस्तािी सेिा की धगरफ्त में।

• पाककस्तानी जंगी जहाजों से िोहा िेत े समय भारत की ममग-21 जहाज िततग्रस्त हो गया। ववदेश मंत्रािय ने पाककस्तान से श्जनेवा संर्ध के तहत ववगं कमांडर के ‘सुरक्षित एवं तत्काि सुपुदागी’ की मांग की है।

संबंधधत जािकारी श्जिेवा संधध

• सन ्1949 की श्जनेवा संर्ध में चार संर्धयााँ और तीन अततररतत तनयम शाममि हैं जो युद्ध में मानवीय व्यवहार के मिए अंतरााष्ट्रीय कानून के मानकों को पररभावर्त करत ेहैं।

• संर्ध में युद्ध में शाममि देशों से गैर-योद्धा जैसे नागररक और र्चककत्सीय कममायों के साथ ही वे योद्धा जो अब युद्ध का दहस्सा नहीं है, जैसे युद्ध के कैदी अथवा घायि योद्धा के साथ मानवीय व्यवहार करन ेपर जोर देती है।

िार संधधिां 1. पहिी श्जनेवा संर्ध युद्ध के दौरान भूमम पर

घायि एवं बीमार सैतनकों की रिा करता है। 2. दसूरी श्जनेवा संर्ध युद्ध के दौरान समुद्र में

घायि, बीमार और टूटे जहाज पर सैन्य कममायों की रिा करता है।

3. तीसरी श्जनेवा संर्ध युद्ध के कैददयों पर िाग ूहोता है।

4. चौथी श्जनेवा संर्ध कब्जे वािे िेत्र सदहत नागररकों को संरिण प्रदान करता है।

तीि अनतररक्त नििम

1. अततररतत तनयम I - अंतरराष्ट्रीय संघर्ा 2. अततररतत तनयम II - गैर-अंतरााष्ट्रीय संघर्ा 3. अततररतत तनयम III - अततररतत ववमशष्ट्ट

प्रतीक

र्ारत की श्स्र्नत

• अब तक, भारत ने चार संर्धयों और तनयम III पर हस्तािर ककए हैं, िेककन अभी भी तनयम I और II में सहमतत प्रकट नहीं की है।

• तनयम- II आंतररक संघर्ा से संबंर्धत है, जबकक तनयम- I औपतनवेमशक वचास्व के णखिाफ युद्ध से संबंर्धत है।

श्जिेवा संधध का प्रमुख अिुच्छेद 3

• अनुच्छेद 3 सभी चार श्जनेवा संर्धयों में प्रमुख है, श्जसमें भारत भी भागीदार है।

• इनमें पारंपररक गहृयुद्ध, आंतररक सशस्त्र संघर्ा शाममि हैं जोकक अन्य राज्यों तक फैिे हुए हैं अथवा वह आंतररक संघर्ा श्जसमें सरकार के साथ तीसरे राज्य अथवा ककसी बहुराष्ट्रीय बि हस्तिेप करता है।

• अनुच्छेद 3 उन मूिभूत तनयमों की स्थापना करता है श्जनसे ककसी भी प्रकार के अपमान की अनुमतत नहीं है।

• यह संर्धयों के भीतर एक उप-संर्ध की तरह है तयोंकक इसमें श्जनेवा संर्धयों के आववयक तनयम एक संघतनत प्रारूप में हैं और यह एक गैर-अंतरााष्ट्रीय प्रकृतत के संघर्ों पर िागू होता है:

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1. इसमें शत्रु के हाथों में सभी व्यश्ततयों के साथ मानवीय व्यवहार करना होता है चाहे शत्रुता ककतनी भी तयों नहीं हो। यह ववशेर् रूप से हत्या, उत्पीड़न, यातना, कू्रर, अपमानजनक और शमानाक व्यवहार, बंधक बनाना और अनुर्चत मुकदमे पर रोक िगाता है।

2. इसके मिए आववयक है कक घायि, बीमार और टूटे जहाज पर सैतनकों को एकत्रत्रत ककया जाए और उनकी देखभाि की जाए।

3. यह आई.सी.आर.सी. को संघर्ा में भागीदार पिों को अपनी सेवाएाँ देने की अनुमतत देता है।

4. यह संघर्ा में भागीदार पिों से ववशेर् समझौतों के माध्यम से श्जनेवा सम्मेिनों के सभी या कुछ दहस्सों को शाममि करन ेका आग्रह करता है।

5. यह स्वीकार करता है कक इन तनयमों के िागू होने से संघर्ा भागीदारों की वैधातनक श्स्थतत प्रभाववत नहीं होती है।

पवषि - सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2 – अंतराभष्ट्रीि सम्मेिि

स्त्रोत - द हहदं ू2. प्रणाम (PRANAM) अधधनििम

• असम के मुख्यमंत्री ने पैरेंट्स ररस्पांसत्रबिटी एंड नॉम्सा फॉर एकाउंटत्रबिटी एंड मॉतनटररगं (PRANAM) आयोग का गठन ककया।

• यह गुवाहाटी, असम में राज्य सरकार के कमाचाररयों के माता-वपता की सुरिा के मिए िाए गए PRANAM ववधेयक के संबंध में मुद्दों को देखने के मिए गदठत एक पैनि है।

• इसे राज्य मंत्रत्रमंडि द्वारा वर्ा 2018 में अनुमोददत ककया गया था।

पवधेिक की प्रमुख पवशेषताएं • ववधेयक के प्रावधान के अनुसार, यदद PRANAM

आयोग को यह मशकायत ममिती है कक राज्य सरकार कमाचारी के माता-वपता की अंदेखी की जा रही है, तो राज्य सरकार द्वारा कमाचारी के वेतन का 10% या 15% भाग काटकर माता-वपता अथवा ददव्यांग भाई-बहनों को ददया जाएगा।

• बाद के चरण में इस ववधेयक में असम में कायारत तनजी कंपतनयों के कमाचाररयों और कें द्र सरकार के कमाचाररयों को भी शाममि ककया जाएगा।

संबंधधत जािकारी माता-पपता और वररष्ट्ठ िागररक पवधेिक, 2007

पवधेिक की मुख्ि पवशेषताएं • माता-वपता और वररष्ट्ठ नागररक देखभाि एव ं

कल्याण ववधेयक, 2007 बच्चों और उिरार्धकाररयों को अपने बुजुगों की देखभाि करन ेके मिए कानूनी रूप से बाध्य बनाता है।

• यह राज्य सरकारों को हर श्जिे में वदृ्धाश्रम स्थावपत करन ेकी भी अनुमतत देता है।

• वररष्ट्ठ नागररक जो खुद की देखभाि करन ेमें असमथा हैं, उन्हें अपने बच्चों या उिरार्धकाररयों से मामसक भिा पाने के मिए एक देखभाि अर्धकरण में आवेदन करने का अर्धकार होगा।

• राज्य सरकारें देखभाि के स्तर को तय करन ेके मिए प्रत्येक उप-प्रभाग में रखरखाव देखभाि अर्धकरण स्थावपत कर सकती हैं।

• अपीिीय अर्धकरणों को श्जिा स्तर पर भी स्थावपत ककया जा सकता है।

पवषि – सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2 – प्रशासि

स्त्रोत – पी.आई.बी. 3. बािोएलशिा 2019

• एमशया के सबसे बड़ ेजैव प्रौद्योर्गकी एवं जीव ववज्ञान मंच - बायोएमशया 2019 का 16वा ंसंस्करण हैदराबाद, तिेंगाना में आयोश्जत ककया गया।

• सम्मेिन का ववर्य "जीव पवज्ञाि 4.0 -

व्िवधाि को रोकिा" था। संबंधधत जािकारी बािोएलशिा

• बायोएमशया तिेंगाना सरकार द्वारा आयोश्जत एक वावर्ाक कायाक्रम है और यह मुख्यतः तकनीकी अवरोधों के बाद स्वास्थ्य सेवा की पुनका ल्पना करन ेपर कें दद्रत है।

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• कायाक्रम के िक्ष्य में नवाचार और अनुसंधान एव ं ववकास, ववतनमााण, डडश्जटि स्वास्थ्य देखभाि, तनदान और अस्पताि के संक्रमण से िेकर सूक्ष्मजीवाणु प्रततरोध तक कई िेत्रों को शाममि हैं।

पवषि – सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 3 – पवज्ञाि एवं प्रौद्िोधगकी स्त्रोत – द बब िेस स्टैण्डडभ

4. केन्द्र सरकार िे 42 गैर-अिुसूधित कैं सर दवाईिों पर मूल्ि नििंत्रण िाग ूककिा

• नेशनि फामाास्युदटकि प्राइमसगं अथॉररटी (एन.पी.पी.ए.) व्यापार सीमातं युश्ततकरण के माध्यम से 42 गैर-अनुसूर्चत कैं सर-रोधी दवाओं को मूल्य तनयंत्रण में िाया है।

• यह और्र्ध (मूल्य तनयंत्रण) आदेश, 2013 के अनुच्छेद 19 के तहत ककया गया है।

संबंधधत जािकारी राष्ट्रीि औषधध मूल्ि निधाभरण प्राधधकरण (एिपीपीए)

• एन.पी.पी.ए. रसायन और उवारक मंत्रािय के तहत फामाास्यूदटकल्स ववभाग के अधीन एक स्वतंत्र तनकाय है।

• इसे 1997 में स्थावपत ककया गया था। • एन.पी.पी.ए. वतामान में डी.पी.सी.ओ. की

अनुसूची-1 के तहत आववयक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एन.एि.ई.एम.) में रखी गई दवाओं की कीमतों को तनयंत्रत्रत करता है।

• आववयक दवाओं की गणना ववशेर् र्चककत्सीय िेत्र में सभी दवाईयों के साधारण औसत से वावर्ाक 1% से अर्धक त्रबक्री कीमत पर आधाररत है।

• गैर-अनुसूर्चत दवाओं में हर साि कीमतों में 10% तक की वदृ्र्ध की अनुमतत है, श्जसकी तनगरानी एन.पी.पी.ए. द्वारा की जाती है।

पवषि – सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2 – स्वास््ि एवं सेवाएं स्त्रोत – हद हहदं ु

5. कटक आधाररत राष्ट्रीि िावि अिुसंधाि संस्र्ाि िे 4 जिवािु स्माटभ ककस्में जारी की

• भारतीय कृवर् अनुसंधान पररर्द के अधीनस्थ संस्थान कटक श्स्थत राष्ट्रीय चावि अनुसंधान संस्थान (NRRI) ने चार नए चावि ककस्मों का ववकास ककया है, श्जसमें दो उच्च-प्रोटीन युतत और दो जिवायु-स्माटा ककस्में शाममि हैं।

• संस्थान ने हाि ही में दो उच्च-प्रोटीन चावि ककस्मों (सी.आर धान 310 और सी.आर. धान 311) और दो जिवायु-स्माटा ककस्मों (सी.आर. धान 801 और सी.आर. धान 802) को जारी ककया है।

• ये ककस्में जिवायु पररवतान की चुनौततयों का सामना करन ेके मिए बाढ और सूखा तथा कुछ जैववक खतरों के प्रतत सहनशीि हैं।

संबंधधत जािकारी कें द्रीि िावि अिुसंधाि संस्र्ाि

• राष्ट्रीय चावि अनुसंधान संस्थान कटक ओडडशा में श्स्थत है।

• यह भारतीय कृवर् अनुसंधान पररर्द के तहत प्रमुख राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों में से एक है।

• एन.आर.आर.आई. पूवी भारत में हररत क्रांतत िाने के कायाक्रम की योजना बनाने, कायाान्वयन तथा तनगरानी करने के मिए नोडि एजेंसी है।

महत्वपूणभ आई.सी.ए.आर. संस्र्ाि

भारतीय कृवर् अनुसंधान संस्थान नई ददल्िी भारतीय पशु र्चककत्सा अनुसंधान संस्थान

बरेिी, उिर प्रदेश

राष्ट्रीय डयेरी अनुसंधान संस्थान करनाि, हररयाणा कें द्रीय मत्स्य मशिा संस्थान मुंबई, महाराष्ट्र

भैंस पर अनुसंधान हेतु कें द्रीय संस्थान

दहसार, हररयाणा

कें द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान नागपुर, महाराष्ट्र

कें द्रीय भेड़ और ऊन अनुसंधान संस्थान

अवीकानगर, राजस्थान

भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान

बेंगिुरु, कनााटक

भारतीय मसािा अनुसंधान संस्थान

कािीकट, केरि

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान

िखनऊ, उिर प्रदेश

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पवषि–सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 3–पवज्ञाि एवं प्रौद्िोधगकी स्त्रोत – इंडडिि एक्सपे्रस

6. कें द्रीि कपडा मंत्री िे राजस्र्ाि के बगरू में टाइटिवािा संग्रहािि का उद्घाटि ककिा

• कें द्रीय कपड़ा मंत्री ने बगरू में 'टाइटनवािा संग्रहािय' का उद्घाटन ककया श्जसमें छीपा समुदाय की हस्त-चौखान ेकी र्चत्रकारी किा का प्रदशान ककया गया है।

संबंधधत जािकारी बगरू ब्िॉक पप्रहंटगं

• बगरू छपाई प्राकृततक रंगों के साथ छपाई की पारंपररक तकनीकों में से एक है, श्जसे राजस्थान के दरूस्थ स्थान के छीपा समुदाय द्वारा ककया जाता है।

• बगरू र्चत्रकार डब्बू नामक तकनीक का उपयोग करत े हैं श्जसमें कािी ममट्टी, बबूि का गोंद,

खराब गेहंू का आटा, चूना पत्थर के ममश्रण को कपड़ ेपर छापा होता है।

• कफर कपड़ ेको रंगा जा सकता है और सूखने के मिए धूप में छोड़ा जा सकता है।

पवषि – सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 1 – किा एवं संस्कृनत

स्त्रोत – इंडडिि एक्सपे्रस

7. शे्रिस – लशिुता एवं कौशि में उच्ितर लशिा िुवाओं के लिए िोजिा

• मानव संसाधन ववकास मतं्री ने मशिुता एव ंकौशि में उच्च मशिा युवाओं के मिए योजना (SHREYAS) शुरू की है।

• इस कायाक्रम का उद्देवय भारतीय युवाओं को ‘काया वातावरण देकर और वज़ीफा अजान द्वारा’ उनके रोजगार प्राश्प्त के अवसरों को बढाना है।

• शे्रयस एक कायाक्रम समूह है श्जसमें तीन कें द्रीय मंत्राियों मानव संसाधन ववकास मंत्रािय, कौशि ववकास और उद्यममता मंत्रािय और श्रम और रोजगार मंत्रािय की पहिें शाममि है।

• शे्रयस पोटाि मशिण संस्थानों और उद्योगों को िॉग इन करन ेऔर अपनी संबंर्धत मांग और

मशिुता की आपूतता प्रदान करन े में सिम बनाएगा।

• राज्य सरकारों से अपेिा की जाती है कक व ेिेत्रीय कौशि पररर्दों के अिावा अप्रेंदटसमशप के अवसरों को हामसि करने में एक प्रमुख भूममका तनभाएाँ, श्जससे अप्रैि 2019 में उिीणा होने वािे सामान्य डडग्री वािे छात्र उद्योग और सेवा िेत्र के अप्रेंदटसमशप का अवसर प्राप्त कर सकें ।

पवषि – सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 2 – प्रशासि

स्त्रोत – पी.आई.बी. 8. रेड सैंडसभ अब नििाभत प्रनतबंध से मुक्त है • सभी रेड सैंडसा ककसानों को, श्जन्हें ववदेशी

व्यापार नीतत के तहत अपने उत्पादों को बेचने की अनुमतत नहीं थी, वे अब इसका तनयाात कर सकत ेहैं।

• वाणणज्य और उद्योग मंत्रािय की एक संस्था ववदेश व्यापार महातनदेशािय (डी.जी.एफ.टी.), ने अपनी तनयाात नीतत में संशोधन ककया है और खेती से पैदा होने वािे उत्पाद के तनयाात की मंजूरी प्रदान की है।

संबंधधत जािकारी रेड सैंडसभ

• रेड सैंडसा, अपने समदृ्ध रंग और र्चककत्सीय गुणों के मिए ववख्यात है।

• यह पेड़ आंध्र प्रदेश के कई श्जिों और तममिनाडु और कनााटक के कुछ दहस्सों में पाया जाता है।

• सौंदया प्रसाधन और और्धीय उत्पादों के साथ-साथ फनीचर, िकड़ी की नतकाशी और संगीत वाद्ययंत्र बनाने के मिए एमशया में, ववशेर् रूप से चीन और जापान में इसकी अर्धक मांग है।

• (िुप्तप्राय वन्यजीवों और वनस्पततयों की प्रजाततयों के अंतरााष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेिन) CITES की अनुसूची II में रेड सैंडसा शाममि था।

पवषि – सामान्ि अध्ििि प्रविपत्र 3 – पिाभवरण एवं जैवपवपवधता स्त्रोत – डाउि टू अर्भ

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